अन्धविश्वास कि पराकाष्ठा:कोरोना रोग नहीं,' कोरोना माई ' देवी है केहकर पूजापाठ सुरु
अन्धविश्वास कि पराकाष्ठा : कोरोना रोग नहीं,' कोरोना माई ' देवी है केहकर पूजा पाठ सुरु
जैसे कि आप लोग जानते हैं कि कोरोना ने हमारे देशमे विकराल रूप धारण कर लिया हैं।संक्रमित मारिजो कि संख्या २ लाख को छुने वाला है और मौत का आँकडा 5 हजार के पार होचुका है।ऐंसे समय में हमारी अप्से यही विन्नती है कि घर पर रहे और अपनो के बीच सुरक्षित रहे।
जय हो कोरोना मैया कि
हां ठिक सुना है आपने/ ये खबर आई है नेपाल के तराई के एक प्रान्त से जहां पर कुछ महिलाओ को कोरोना मैयाँ कि पूजा कर्ते देखा गया है।उन्होने खूब श्राद्ध से कोरोना मैयाँ कि पूजा अर्चना कि। उनका मानना है कि ये कोरोना किसी देवी देवता के प्रकोप के कारण फैला हुआ है और वो लोग पूजा करके कोरोना मैयाँ को खुश करने कि कोशिश कर रहे हैं जिस से उनको कोरोना से इजात मिल जायेगी। हम किसी के धार्मिक भावनाओ को ठेस नहीं पहुंचा रहे हैं पर वो लोग एक जगेह एकीकृत होकर पूजा कर रहे थे। ना मास्क,ना सामाजिक दूरी कायम की थी जिसके कारण कोरोना फैलने का उच्च जोखिम है।
ऐशे वक्त मे जहां नेपाल मे संक्रमण की रफ्तार तेज होचुके है उस वक्त ऐंसी अन्धभक्ती और लापरबाही नेपाल के लगोपर भारी पर सकती है।इस वक्त नेपाल मे कुल संक्रमित मरिजो कि संख्या 2 हजार को छुने वाली है और 8 लोग इससे अपने जान गुमा चुके हैं इसिलिए हम अपने संपूर्ण दर्शक से निवेदन कर्ते है कि इस प्रकार के अन्धविश्वास से बचे,ये सब जागरूकता कि कमी से है।
वैज्ञानिको के अनुसार
जबकि वैज्ञानिको ने प्रस्ट कर दिया है नोबेल कोरोना चीन के वुहान शहर के एक ल्याब से उत्पादित मानव निर्मित भाइरस हैं और इसे एक जैविक हथियार के तरह चीन ने अपने स्वार्थ के लिए बनाया है ये पूरी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि ये मानव द्वारा निर्मित है फिर भी कुछ लोग अन्धविश्वास के चलते इस माइया का नाम दे रहे हैं।
अन्धविश्वास के चलते नेपाल को चुकानी पर सकती है भारी कीमत
जैसे कि आप लोग जानते हैं की कोइ भी अच्छी और .सकारात्मक खबर फैलने मे समय लगती हैं पर अन्धविश्वास और नकारात्मक वाली खबर फैलने मे देरी नहीं लगती और ऐसा मे ये कोरोना मैयाँ कि पूजा वाली खबर अगर फैलने लगी तो इससे नेपालमे संकट के बादल घेर सकते हैं।
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Good news
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